संजयनगर स्थानीय पुनर्वास प्रोजेक्ट में सकल रूप से जुड़े होने के कारण हम मकान मालिकों के लिए उनके हिस्से के आर्थिक योगदान का हल निकालने में लग गए, जिससे हम कम आय वर्ग के लोगों को लोन न मिल पाने की असुविधाओं से वाकिफ़ हुए। हमारी टीम ने हमारे सामाजिक पार्टनर स्नेहालय और रंग दे नामक संस्था के साथ मिलकर संजयनगर के लोगों के लिए एक होम लोन प्रोडक्ट बनाया। हमारे इस अनुभव को हम दो हिस्सों में आपके साथ शेयर करेंगे। यह पहला हिस्सा हमारे टीम के शशांक मित्तल ने लिखा है, जहाँ उन्होंने देश की स्थिति और हमारे संजयनगर में हुए काम का एक संक्षिप्त वर्णन किया है।

 

कम आय वर्ग के लिए घर निर्माण की आर्थिक व्यवस्था

भारत के शहरों में तकरीबन 2.6 – 3.7 करोड़ ऐसे परिवार है जो आर्थिक रूप से कमज़ोर (Economically Weaker Section (EWS)) और कम आय वर्ग (Low-Income Group (LIG)) में आते है, और कच्चे मकानों में बुरे हालातों में रहते है (Source: IDR)। सरकार ने कई राज्य और राष्ट्रीय योजनाए, जैसे प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY-Urban), के तहत पक्के घरों की कमी की समस्या सुलझाने की कोशिश की है। फिर भी LIG के लोगों को अपने मकानों के लिए लोन मिल पाना, या खुद के पैसे जुटा पाना बहुत मुश्किल है।

Housing Finance Companies (HFC) और Affordable Housing Finance Companies (AHFC) एक तरह के गैर बैंकिंग वित्त्य कंपनियों (Non-Banking Financial Companies (NBFC))  में से है जिनका मुख्या काम घरों को खरीदने या उनके निर्माण के लिए आर्थिक साधन दिलाना है। AHFCs होने के बावजूद कम आय वर्ग के परिवारों को ज़मीन के कागज़ात या आमदनी का सबूत न होने, आदि, के वजह से घर की मरमत या निर्माण के लिए लोन नहीं मिल पाता। मरमतों के लिए उन्हें साहूकार, लेनदार या माइक्रो फाइनेंस इंस्टीटूशन्स (MFIs) से छोटे क़र्ज़ लेने पड़ते है। एक गरीब वर्ग के व्यक्ति के लिए उनका घर उनकी सम्पति का लगभग 60% हिस्सा होता है। घरों में निवेश कर पाना ऐसे लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण ज़रिया बन सकता है।

संजयनगर समुदाय की स्थिति

संजयनगर एक संगठित और रौनक भरा समुदाय है, जहाँ के कई निवासी लगभग 40 साल से वहां रह रहे है। ज़्यादातर लोगों के पास पक्की नौकरी नहीं है और या तो वे दिन के हिसाब से काम करते है या फिर छोटे बिज़नेस चलाते है। आमदनी और खर्चा दोनों ही cash में होते है, और ज़्यादातर परिवार अपने खर्चे दिन की कमाई के हिसाब से ही कर पाते है।

संजयनगर के ज़्यादातर घरों में कम से कम एक सदस्य के पास बैंक में खाता है, खासकर जन धन योजना के खाते। लेकिन बहुत कम लोगों को बैंक से लेन-देन करना आता है। कुछ लड़कों ने बैंक और अन्य आर्थिक संस्थाओं से लोन लेकर मोटरसाइकिल, मोबाइल, आदि खरीदे है, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। कुछ औरतों ने MFIs में समूह बनाकर पहले लोन लिए थे। MFIs के साथ काम करने के बावजूद हम ना इनको आर्थिक रूप से साक्षर, नाही आर्थिक संस्थाओं से जुड़ा हुआ मान सकते है। इनमें से कइयों के पास अपने पुराने लोन्स के कागज़ात भी नहीं है, नाही उन्हें लोन के ब्याज की कोई जानकारी या समझ है।

समुदाय की परिस्थितियों की वजह से जितने भी बैंक्स और HFCs से हमने लोगों को होम लोन्स देने की बात की, उन सभी ने मना कर दिया। उसका कारण यह था कि लोन देने के लिए बैंक्स को जिन कागज़ातों की ज़रुरत थी, या तो वो लोगों के पास नहीं थे, या संस्थाओं के लिए आर्थिक सेवाएं दिलाने का खर्च और रिस्क दोनों ही बहुत ज़्यादा पड़ने वाला था।

एक नया लोन प्रोडक्ट

हम जानते थे कि रंग दे एक इकलौती ऐसी सामाजिक NBFC है जो peer to peer lending, यानी एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति को लोन देने का काम करती है, और जिनका उद्देश्य उन लोगों को सस्ते शर्तों पर लोन दिलाना है जिनको आर्थिक संस्थाओं से लोन नहीं मिल पाता। रंग दे के साथ हमने मिलकर एक ऐसा हाउसिंग लोन प्रोडक्ट बनाने का सोचा जिससे न केवल संजयनगर के लोगों को घर बनाने के लिए क़र्ज़ मिल सके, पर उनका लेन-देन सम्बंधित एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड (credit history) भी बन सके, जिससे आगे जाकर संस्थाओं से लोन मिलने में उन्हें आसानी हो।

रंग दे के होम लोन प्रोडक्ट की कुछ विशेषताएं:

  • आर्थिक साक्षरता ट्रेनिंग: 3-4 घंटे, जिसमे ज़रूरी आर्थिक मुद्दे जैसे घर का आर्थिक प्लानिंग करना, बचत बैंकों से लेन-देन करने के आम तरीके, आदि, बताये जाएंगे
  • आर्थिक साक्षरता में सिखाये गए चीज़ों पे एक टेस्ट
  • हर घर मालिक को 1 लाख रूपए तक का लोन
  • लोन की अवधि: 12-36 महीने (रंग दे ने इस होम लोन की अवधि 36 महीने की रखी, जो आम होम लोन की अवधि से छोटी है। लेकिन लोगों की आमदनी, किश्त चुकाने की क्षमता और रंग दे के मॉडल को ध्यान में रखते हुए हमने यह बीच का रास्ता अपनाया)
  • ब्याज: 5.5% simple (9.9% APR)
  • किश्त भरने की अवधि: मासिक
  • किश्त लौटने का ज़रिया: डायरेक्ट ट्रांसफर, या एक ख़ास बैंक अकाउंट जो हर घर मालिक के लिए खोला जाएगा
  • हर घर मालिक का क्रेडिट हिस्ट्री और उससे सम्बंधित स्कोर